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वंदे भारत मेट्रो बनकर तैयार बड़े शहरों में दौड़ेगी, शुरुआत में ऐसी 50 ट्रेन बनेगी धीरे-धीरे संख्या 400 की जाएगी

 रेल कोच फैक्ट्री ने वंदे भारत मेट्रो के पहले कुछ डिब्बे बनाकर तैयार किया

नई दिल्ली. वंदे भारत ट्रेनों के बाद अब देश के कई बड़े शहरों में फंदे भारत मेट्रो चलाने की तैयारी है वंदे भारत मेट्रो ट्रेन की पहली झलक भी सामने आ चुकी है इस खास मेट्रो ट्रेन का ट्रायल इसी साल जुलाई में किया जाएगा पंजाब के कपूरथला में एक रेल कोच फैक्ट्री ने वंदे भारत मेट्रो के पहले कुछ डिब्बे बनकर तैयार कर दिए हैं रिपोर्ट के मुताबिक शुरुआत में ऐसी 50 ट्रेनिंग बनाई जाएगी और धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़कर 400 की जाएगी सूत्रों ने बताया की रेंज के मामले में बंदे भारत मेट्रो ट्रेन 100 किलोमीटर से लेकर ढाई सौ किलोमीटर के बीच चलाई जाएंगी इसमें डिफॉल्ट कॉन्फ़िगरेशन के रूप में 12 कोच होंगे लेकिन इसे 16 कोच तक बढ़ाया जा सकता है,

बता दे की वंदे भारत देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन है जिसे 15 फरवरी 2019 को नई दिल्ली और वाराणसी के बीच हरी झंडी दिखाई गई थी आज 102 बंदे भारत ट्रेन 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 284 जिलों से होकर 100 मार्गो पर चलती रहे।

मुंबई लोकल ट्रेन की जगह आएगी सुरक्षित वंदे भारत मेट्रो

मुंबई की लोकल ट्रेनों को अगले तीन से चार साल के भीतर बंदे भारत मेट्रो ट्रेन से बदल दिया जाएगा इससे मुंबई में हर रोज यात्रा करने वाले यात्रियों को मेट्रो की तर्ज पर इसी और एवं स्वचालित गेट वाली सुरक्षित सेवा मिलेगी रेलवे बोर्ड के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्ट्री में वंदे भारत मेट्रो ट्रेन का पहला वह करीब करीब तैयार है सूत्रों के अनुसार वंदे भारत मेट्रो के 50 रैंक बनने के बाद 400 और ट्रैक बनाने का निर्माण कार्य शुरू होगा उन्होंने कहा कि देश के बारे में 12 बड़े एवं मझौली नगरों के बीच वंदे भारत मेट्रो से दैनिक यात्रा की सुविधा मिलेगी।

 

दैनिक यात्रियों को तेज स्पीड वाली ट्रेन सुविधा प्राप्त होगी

वंदे भारत मेट्रो ट्रेन 12 कोच वाला ट्रेन सेट होगा जिसे आवश्यकता पड़ने पर 16 कोच वाला बनाया जा सकता है यह कुछ सेकंड में तेजी स्पीड पकड़ने वाला मेट्रो ट्रेन होगा इसे औसतन 100 किलोमीटर की दूरी वाले दो प्रमुख स्टेशनों के बीच कई फेरों में चलने की योजना है सूत्रों ने कहा कि आगे चलकर मुंबई कोलकाता चेन्नई आदि महानगरों के उपनगरीय सेवाओं में चलने वाली गाड़ियों को वंदे भारत मेट्रो में बदला जा सकता है जिससे दैनिक यात्रियों को तेज स्पीड वाली ट्रेन सुविधा प्राप्त हो सके।

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