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नेशनल बेस्ट फ्रेंड्स डे स्पेशल:  सोशल मीडिया तक सिमट रही दोस्ती, वक्त के साथ बदल रहा है दोस्ती का ट्रेंड

 आधुनिक दौर में दोस्तों की सूची लंबी, घनिष्टता की श्रेणी में कमी

कोरबा। एक सच्चा दोस्त ही दूसरे दोस्त की भावनाओं को समझ सकता है। दोस्त को जुबान से कहने की जरूरत नहीं होती। वह हमारी खामोशी भी समझ सकता है। आधुनिकता के दौर में दोस्तों की सूची तो लंबी होती जा रही है मगर घनिष्टता की श्रेणी में कमी आ रही है। सोशल मीडिया तक दोस्ती सिमटती चली जा रही है।

8 जून को विश्व में  बेस्ट फ्रेंड्स डे के रूप में मनाया जाता है। भारत में भी आज के दिन को नेशनल बेस्ट फ्रेंड डे के रूप में मनाने का चलन है।  इस दिन के बारे में अक्सर लोग खास कर युवा पीढ़ी नहीं जानते, लेकिन जो लोग इस दिन के बारे में जानकारी रखते हैं ऐसे लोग इस दिन को अपने अच्छे दोस्त के साथ सैलीब्रेट करते हैं। उनके साथ दिन बिताते हैं, मैसेज भेजते हैं। एक दूसरे को उपहार देते हैं और अपनी अच्छी दोस्ती के पुराने दिनों को साझा करते हैं। इससे दोस्ती में और घनिष्टता आती है।  समझना आवश्यक हो जाता है कि फ्रेंड्स डे और बेस्ट फ्रेंड्स डे में काफी फर्क है। आज के दिन को आप अपने सबसे अच्छे और घनिष्ट मित्र को समर्पित करते हैं। मौजूदा समय में लोगों के फेसबुक और सोशल मीडिया में सैकड़ों हजारों फ्रेंड हैं, मगर घनिष्ट मित्र कम हैं। इस विषय पर पुरानी और नई पीढ़ी अपनी सोच रखती है।  बेस्ट फ्रेंड डे की शुरुआत 8 जून को यूएसए में हुई थी, लेकिन भारत ने भी इस दिन को बेस्ट फ्रेंड्स डे के रूप में आत्मसात कर लिया।

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