कोरबा। संपूर्ण विश्व में 14 मार्च को विश्व पाई दिवस मनाया जाता है। गणितीय स्थिरांक पाई की खोज महान गणितज्ञ व खगोल शास्त्री आर्यभट्ट ने की थी ।शासकीय हाई स्कूल स्याहीमुड़ी में विश्व पाई दिवस मनाया गया। सभी बच्चों द्वारा इस गणितीय नियतांक का पाई श्रृंखला प्रतीक चिन्ह बनाकर पाई दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही प्राचार्य डॉ फरहाना अली ने बताया कि अपरिमेय संख्या पाई एक गणितीय स्थिरांक है। पाई का आविष्कार भारत के महान गणितज्ञ आर्यभट्ट ने 4700 साल पहले पांचवी सदी में की थी। उन्होंने ही बताया कि पाई का मान लगभग 3.1415926535 के बराबर होता है, अर्थात दशमलव के बाद इसका अंत नहीं है। इसका मान वृत्त की परिधि और उसके व्यास के अनुपात के बराबर होता है । गणित की व्याख्याता प्रभा साव ने बताया कि पाई एक गणितीय प्रतीक है। पाई का उपयोग वृत्त के विभिन्न अवयवों का मान ज्ञात करने के लिए किया जाता है। यह वृत्त की परिधि व व्यास के अनुपात के बराबर होता है। पाई का दूसरा मान 22 बटा 7 है। जिसका उपयोग गणनाओं के लिए किया जाता है। इस प्रकार बच्चों को सभी व्याख्याओं द्वारा पाई व पाई दिवस की महत्ता को समझाया गया। पाई दिवस पर संस्था की वरिष्ठ व्याख्याता प्रभा गुप्ता ,सरोजिनी उईके, पुष्पा बघेल व संगीता मानिकपुरी उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *