मां ज्ञान का साधन है मन ही सभी गतिविधियों का आधार है अगर मन शांत हो जाता है तो वास्तविकता के रूप में दुनिया की धरना समाप्त हो जाती है और जब एक वास्तविकता के रूप में दुनिया की धारणा की प्रकृति समाप्त नहीं हो जाती तब तक दृष्टि को स्वयं का वास्तविक रूप प्राप्त नहीं होता मन आत्मा में निवास करने वाली एक अद्भुत शक्ति है इसी से विचार उत्पन्न होते हैं विचारों के अलावा मां नाम की कोई चीज नहीं है इसलिए विचार को मां का स्वभाव कहा जाता है गहरी नींद में कोई विचार नहीं होते कोई संसार नहीं होता जागृत और स्वप्न अवस्था में विचार भी हैं और संसार भी जिस प्रकार मकड़ी जाल का धागा बनती है उसे अपने से बाहर निकलती है और फिर उसे अपने में समेट लेती है उसी प्रकार मां संसार को अपने से बाहर निकलता है फिर उसे अपने में समेट लेता है जब मन स्वयं को छोड़ देता है तो संसार प्रकट होता है और जब संसार प्रकट हो जाता है तो आत्मा प्रकट नहीं होती और जब आत्मा प्रकट होती है तो संकट प्रकट नहीं होते।
मां को ही सूक्ष्म शरीर या आत्मा कहा जाता है जो शरीर में मैं के रूप में उगता है वह मन है यदि कोई यह पूछे कि मैं का विचार शरीर में सबसे कहां से उठता है तो उसे पता चले कि यह हृदय में उठता है हृदय की मां की उत्पत्ति का स्थान है मन में उठने वाली सभी विचार में मैं का विचार सबसे पहले आता है इसके बाद ही अन्य विचार आते हैं यह विचार कि मैं कौन हूं अन्य सभी विचारों को नष्ट कर देगा और चिंता को भगाने वाली लड़की की तरह अंत में स्वयं जल जाएगा तभी आत्म साक्षात्कार होगा।
जब अन्य विचार उठते हैं तो व्यक्ति को उनका पीछा नहीं करना चाहिए बल्कि पूछना चाहिए कि वह किसके मन में आते हैं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कितने विचार उठते हैं जैसे की कोई विचार उठे व्यक्ति को सचेत होकर पूछना चाहिए कि वह विचार किसके मन में उत्पन्न हुआ इसका जो जवाब आएगा वह यह होगा मेरे इसके बाद कोई यह पूछे कि मैं कौन हूं मां अपने स्रोत पर वापस चला जाएगा और जो विचार उठा वह शांत होशक्ति विकसित हो जाएगी जब मन हृदय में रहता है तो मैं चला जाएगा और जो भी अस्तित्व है वह चमक जाएगा कोई व्यक्ति उत्साह पूर्वक आत्मज्ञान करेगा निश्चय ही उसमें सुधार आने लगेगा मां का सांसारिक हो उनके प्रति घृणा नहीं कर रखनी चाहिए जब मैं का हृदय होता है तो सब उत्पन्न हो जाता है और जब मैं शांत हो जाता है तो उसे सब शांत हो जाता है यदि मन शांत हो जाए तो व्यक्ति कहीं भी रह सकता है।