बच्चों में तनाव दूर करने अभिभावकों को बिठाना होगा तालमेल
कोरबा। सीबीएसई और छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के कक्षा 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा हो चुकी है। उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी लगभग पूरा हो चुका है। अब बच्चों को अपने नतीजों का इंतजार है। इस नतीजे से पहले पैरेंट्स और बच्चों का इम्तिहान होना है। परीक्षा में सोच के अनुरूप अंक नहीं आने पर बच्चे डिप्रेशन में चले जाते हैं। ऐसे में अभिभावकों को उनसे तालमेल बिठाते हुए उनका हौसला बढ़ाने की जरूरत है।
सालभर की मेहनत के बाद फल अगर अपेक्षा के मुताबिक न आए तो तनाव होना स्वभाविक है। ऐसे में अभिभावकों की भी जिम्मेदारी बनती है कि अपने बच्चों को साथ लेकर बैठें और उन्हें कह दें कि रिजल्ट चाहे जो भी हो इसका असर नकारात्मक नहीं पड़ेगा। पैरेंट्स बच्चों को बताएं कि यह कोई आखिरी मौका नहीं है। सेंट्रल बोर्ड आॅफ सेकंडरी एजुकेशन यानी सीबीएसई और छग माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाएं समाप्त हो चुकी हैं। उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन अब आखिरी दौर में है। ऐसे में सीबीएसई बोर्ड ने मई के दूसरे हफ्ते में 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के नतीजे जारी करने का ऐलान किया है। वहीं इस दरम्यान छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के भी रिजल्ट आने की उम्मीद है। ऐसे में सभी को परीक्षा परिणाम आने का बेसब्री से इंतजार है। शेष दिनों में पैरेंट्स और बच्चों के मन में दुविधाएं बनी हुई है। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि रिजल्ट आने को है, ऐसे में बच्चे पहले ही घबराए हुए हैं। अभी पैरेंट्स की ड्यूटी है कि उनका खास ख्याल रखें, बच्चों के मन को समझें, ताकि बच्चा खुद को अकेला न महसूस करे।
न करें बच्चे को इग्नोर
शोध में सामने आया है कि कम अंक हासिल करने पर पैरेंट्स बच्चों को उनके हाल पर छोड़ देते हैं। इसे इग्नोर करना कहा जाता है। मनोवैज्ञानिकों की मानें तो यह इग्नोरेंस बच्चों के आगे आने वाले करियर पर प्रभाव डालती है। बच्चों को इस स्थिति पर छोड़ना ठीक नहीं है, बल्कि परिणाम जो भी बच्चों का हौसला लगातार बढ़ाते रहना जरूरी है।
मोटिवेट करने से दूर होगी टेंशन
सभी पैरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा बड़ा होकर खूब सफल हो, उसे हर क्षेत्र में हमेशा सफलता मिले। बच्चों की परीक्षाओं के साथ ही पेरेंट्स की परीक्षा भी शुरू हो जाती है। अपने बच्चों की खुशी के लिए उन्हें कई तरह के त्याग करने के साथ ही हर स्तर पर अपनी परीक्षा भी देनी पड़ती है, लेकिन इसके अलावा भी कुछ है, जो सभी माता-पिता को जरूर करना चाहिए। बच्चों को मोटिवेट करने से दोनों की टेंशन कुछ हद तक कम हो सकती है।