चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर जमनीपाली में संगीतमय श्रीमद् देवी भागवत महापुराण नवाह्न यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। कथा व्यास पं. देवशरण दुबे के मुखारविंद से अमृतमय कथा का रसपान कराया कराया जा रहा है।
व्यासपीठ से पं. देवशरण ने बताया किश्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति के लिए यह सर्वोत्तम साधन है। नवरात्र में देवी भागवत कथा सुनने का विशेष महत्व है। इस कथा को सुनने से समस्त पाप कट जाते हैं। नवरात्रि में नौ दिन तक इसका श्रवण, अनुष्ठान करने पर मनुष्य सभी पुण्य कर्मों से अधिक फल पा लेते हैं, इसलिए इसे नवाहन यज्ञ भी कहा गया है, जिसका उल्लेख देवी भागवत पुराण में भगवान शंकर व सूतजी ने किया है। कहा गया है कि जो दूषित विचार वाले पापी, मूर्ख, मित्र द्रोही, वेद व पर निंदा करने वाले, हिंसक और नास्तिक हैं वे भी इस नवाह यज्ञ से भुक्ति और मुक्ति को प्राप्त कर लेते हैं। पं. देवशरण दुर्गा के नौ रुपों का वर्णन करते हुए बताया कि नारी में जन्म से लेकर मृत्युपर्यंत दुर्गा के 9 रूप समाहित है अर्थात शैलपुत्री से लेकर सिद्धिदात्री के रूप में होती है।
देवी भागवत पुराण के अनुसार जो पुरुष देवी भागवत के एक श्लोक का भी भक्ति भाव से नित्य पाठ करता है, उस पर देवी प्रसन्न होती हैं। महामारी व भूत प्रेत बाधा मिट जाती है। पुत्र हीन पुत्रवान, गरीब धनवान और रोगी आरोग्य वान हो जाता है। इसका पाठ करने वाला यदि ब्राह्मण हो तो प्रकांड विद्वान, क्षत्रिय हो तो महान शूरवीर, वैश्य हो तो प्रचुर धनाढ्य और शूद्र हो तो अपने कुल में सर्वोत्तम हो जाता है। भागवत नवरात्रि में सुननी चाहिए। मुख्य यजमान तीजराम साहू व रामकृष्णी द्वारा आयोजित श्रीमद् देवी भागवत कथा प्रतिदिन सायं 4 से 7 बजे तक किया जा रहा है जिसका श्रवण करने प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।