कोरबा। कोरबा जिले की सीमा से लगे सूरजपुर जिले के परेवाडांड़ में रहने वाले दो बच्चे अपनी मां को तलाशते हुए मानसी नदी पार करते कोरबा जिले के सरहदी गांव चचिया पहुंच गए। मां का पता नहीं चलने पर वापस गांव लौट रहे थे। इस दौरान नदी का प्रवाह तेज होने पर धारा बहने लगे। ग्रामीण ने बच्चों को बाहर निकाल कर जान बचाई और पुलिस के हवाले किया। पुलिस द्वारा बच्चाें को स्वजन तक सुरक्षित पहुंचाया गया।
अबोध बच्चों के लिए मां की ममता और स्नेह ही सब कुछ होता है। एक क्षण के लिए भी मां को अपने आसपास न पाकर बच्चे बेचैन हो उठते हैं। कोरबा जिले से लगे सूरजपुर के ग्राम परेवाडांड़ में निवासरत दो बच्चे दुर्गावती धनवार पांच वर्ष और दोहन धनवार तीन वर्ष को जब पता चला कि मां घर पर नहीं है तो उसेे तलाशने के लिए घर से निकल पड़े।
दोनों बच्चाें की मां अपने रिश्तेदार के घर जटगा के निकट ग्राम चचिया आई थी। घर से निकले बच्चे कोरबा और सूरजपुर के बीच बहने वाली मानसी नदी को पार गए। नदी में उस समय पानी कम था। नदी पार करने के बाद उन्हे जब कुछ सूझा नहीं तो वे फिर अपने घर की ओर वापस लौटने लगे। वापसी में नदी पार करते समय पानी का प्रवाह तेज होने की वजह से दोनों बच्चे बहने लगे। बच्चों को बहता देख नदी पार कर रहे शनि अगरिया ने तैरकर दोनों को डूबने से बचा लिया। बच्चों से उनका नाम-पता पूछने पर वे डरे-सहमे नजर आए। शनि ने घटना की जानकारी आसपास के ग्रामीणों को दी लेकिन उन्होने भी बच्चाें को पहचानने में असमर्थता जाहिर की। अंतत: दोनों बच्चाें को मोरगा चौकी पुलिस के हवाले कर दिया।